देश के प्रति कर्तव्य को प्राथमिकता, बेटे के फर्ज से बड़ा है योगी का राजधर्म
- लॉकडाउन के बाद ही परिजनों से मिलने जायेंगे उत्तराखण्ड
लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच राज्य और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. देश और स्वयं पर आए संकट के इस समय में उन्होंने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने को प्राथमिकता दी है.
इसी के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने (Yogi Adityanath) अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. ऐसे कठिन समय में ये फैसला लेकर उन्होंने सभी को चौंका दिया है साथ ही हैरान कर दिया है.
उन्होंने अपने पिता के निधन पर भारी शोक जताते हुए परिजनों को अंतिम संस्कार में सीमित लोगों को शामिल करने को कहा है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. इसी से साफ जाहिर होता है कि भावनात्मक रूप से गहरी क्षति के बाद भी वो देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन कर रहे हैं. इस पत्र में उन्होंने लिखा कि वो लॉकडाउन के बाद अपने परिवार से मिलने उत्तराखंड जाएंगे.
पिता ने सिखाई ईमानदारी
उन्होंने कहा कि अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख है. वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता है. उन्होंने पूरे जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रंम व निस्वार्थ भाव से लोगों के लिए समर्पित भाव से काम करने के संस्कार दिए हैं.
जिम्मेदारियों ने बांधा
इस समय भारत वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ खड़ा हुआ है. उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हितों और स्वास्थ्य की रक्षा के कारण मैं अंतिम क्षणों में उनके दर्शन नहीं कर सका.
मंगलवार 21 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार होना है. मगर इस संकट की घड़ी में मैं वहां नहीं हूउंगा. मैं लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण उसमें भी भाग नहीं ले पाने का निर्णय ले रहा हूं.
परिवार वालों से की ये अपील
कर्तव्य क्या होते हैं इसका एक और उदाहरण सीएम ने पेश किया. उन्होंने कहा कि पूजनीय मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अन्तिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें. पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं. लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा.
गंभीर हालत के बाद भी लिया बैठक में हिस्सा
सीएम के पिता की हालत गंभीर है ये खबरे काफी समय से मीडिया में चल रही थीं. पिता की हालत गंभीर होने के बाद भी सीएम ने बैठकों का दौर जारी रखा. वो लॉकडाउन के दौरान विभिन्न स्थितियों को लेकर अधिकारियों से फीडबैक लेते रहे.
इससे पहले रविवार को भी उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान सोमवार से लॉकडाउन में ढील दिए जाने और जरूरी उद्योगों को खोलने को लेकर भी चर्चा की.
सोमवार को भी वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की. इस बीच उनके पिता का शव अब उत्तराखंड स्थित पैतृक निवास पर ले जाया गया है.