देश में बन रहे टेस्ट किट्स – स्वास्थ्य मंत्रालय
- देश में 80 प्रतिशत लोग हुए हैं स्वस्थ, 20 फीसदी की हुई है मौत
- देश में 13,387 कोरोना के मामले, अब तक 437 लोगों की जा चुकी है जान
नई दिल्ली. देश में 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन का असर आखिर में अब दिखने लगा है. कोरोना के मामले अब दोगुने होने में 6.2 दिन का समय लग रहा है.
यानी की हर छठे दिन कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाती है. जब लॉकडाउन की शुरूआत की गई थी उस समय ये स्थिति नहीं थी. तब हर तीसरे दिन कोरोना के मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश के 19 राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की रफ्तार देश भर की औसत रफ्तार से कम है. इसमें केरल, उत्तरांखंड, हरियाणा, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पुदुचेरी, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, यूपी, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर, पंजाब, असम और त्रिपुरा जैसे राज्य और शहर शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार पर हुई रिसर्च में सामने आया है कि एक अप्रैल से अबतक मामले बढ़ने की रफ्तार 1.2% है जबकि 15 मार्च से 31 मार्च तक कोरोना के मामले 2.1% की रफ्तार से बढ़े थे.
टेस्ट किट्स बना रही कंपनियां
उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के टेस्ट किट्स और रेपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट्स बनाने का काम घरेलू कंपनियां कर रही हैं. देश के तकनीकी संस्थानों से 10लाख किट्स तैयार किए गाएंगे. सिर्फ यही नहीं 10 लाख रेपिड टेस्ट किट्स भी तैयार होंगे.
स्वास्थ्य केंद्रों की कमी नहीं
अग्रवाल का कहना है कि देश में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कोरोना के लिए खास अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र तैयार कर रही हैं. अबतक 1919 ऐसे सेंटर तैयार हुए हैं. इन सेंटरों व अस्पतालों में अबतक एक लाख 73 हजार बेड भी उपलब्ध कराए गए हैं, वहीं इन सेंटरों में कुल 21800 आइसोलेशन बेड भी है.
वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति पर जोर
कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार की एजेंसियां प्रयार कर रही हैं कि विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में भी संभावनाएं तलाशी जाएं. इसलिए कोरोने से बचने के लिए टीका, रोकथाम के लिए दवा ढूंढने के लिए काम हो रहा है.
सरकार की कोशिश है कि वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति की संभावना को भी तलाशा जाए ताकि कोरोना से निपटारा हो सके.