शिक्षक भर्ती के लिए लाखों अभ्यार्थियों को इंतजार
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती शुरु करवाने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है. यूथ फॉर स्वराज भी युवाओं के इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है. इस प्रदर्शन में आंदोलनरत युवाओं की भर्ती समेत कई अलग अलग मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है.
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इस प्रदर्शन में बीते दिनों यूथ फॉर स्वराज का एक प्रतिनिधिमंडल यूथ कैबिनेट सदस्य पुष्कर पाल के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. राज्य के सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के लाखों पद खाली पड़े है. इन खाली पड़े पदों के कारण राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. आज के समय में शिक्षा व्यवस्था पुरी तरह से चर्मरा गई है.
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अभ्यार्थियों ने मांग की है कि शिक्षक भर्ती जल्द से जल्द शुरू की जाए. वहीं प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे पुष्कर पाल का कहना है कि जब राज्य में 68500 पदों पर भर्ती निकाली थी. इन पदों में से 22 हजार पद खाली रह गए थे. सरकार ने कहा था कि इन 22 हजार पदों को अगली भर्ती में जोड़ा जाएगा हालांकि ऐसा नहीं हुआ.
सरकार ने 69 हजार पदों पर भर्ती निकाली मगर खाली पड़े 22 हजार पदों को उसमें नहीं जोड़ा. अभ्यार्थियों ने मांग की है कि टीईटी, सुपरटेट पास कर चुके युवाओं को भी इन पदों के लिए मौका दिया जाए.
नहीं मिल रहा आरक्षण
इस आंदोलन में विकलांग ग्रुप भी शामिल है. ग्रुप के सदस्यों की मांग है कि नियमों के मुताबिक विकलांगों को चार प्रतिशत का आरक्षण मिलना चाहिए. हालांकि सरकार ने पिछली भर्तियों में भी आरक्षण नहीं दिया था. दुखद बात है कि ये हाल सिर्फ विकलांगों का नहीं है बल्कि ऐसा ही हाल एससी और ओबीसी आरक्षित वर्गों का भी है. आरक्षित वर्ग भी ऐसे ही संघर्ष कर रहे है.
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युवाओं का कहना है कि नियमों के मुताबिक उन्हें भर्ती में 21 से 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए मगर 69 हजार पदों की भर्तों के दौरान उन्हें मात्र चार प्रतिशत आरक्षण ही मिला. वहीं एससी वर्ग को भी 21 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया.
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प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा युवा हैं जिन्होंने टेट की परीक्षा को पास किया है लेकिन सभी भर्ती का इंतजार कर रहे है. अभ्यार्थियों की मांग है कि तत्काल भर्ती परीक्षा निकाली जाए. बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी हलफनामा देकर बताया था कि सरकार जल्द ही 51 हजार पदों पर भर्ती शुरु करने वाली है. मगर अबतक भर्ती शुरु नहीं की गई है.
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पुष्कर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के मुताबिक 51 हजार नए पद, 68,500 में से बचे हुए 22 हजार पद और हर साल 10 से 15 हजार पदों पर सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों को जोड़ दिया जाए तो राज्य में कुल एक लाख पदों पर तत्काल भर्ती होनी चाहिए.
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राज्य में भर्ती मामले पर यूथ फॉर स्वराज एम्प्लॉयमेंट फ्रंट के संयोजक अंकित त्यागी का कहना है कि यूथ फॉर स्वराज इन मांगों को समर्थन करता है. हमारा सरकार से अनुरोध है कि युवाओं की मांगों को पूरा किया जाए. कोरोना संक्रमण काल में युवा आंदोलन करने को मजबूर है इसे रोका जाए और भर्ती शुरु की जाए.