सुंदरबन पर मंडरा रहा चक्रवाती तूफान अम्फान का खतरा
- सुंदरबन मे चक्रवाती तूफान अम्फान से रॉयल टाइगरस को हो सकता है भारी नुकसान
- प्रधानमंत्री द्वारा बैठक में सुरक्षा कर्मीयों की दल बना ली गई है
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के बीच चक्रवाती तूफान अम्फान ने दस्तक दे दी है. तूफान के कारण पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाके पर भारी खतरा पैदा हो गया है. मैंग्रोव जंगल का यह मशहूर इलाका पहले आइला तूफान, बुलबुल तूफान से हुए नुकसान से अब तक उबर तक नहीं सका है.
मौसम विभाग के मुताबिक अम्फान तूफान दो सौ किलोमीटर से भी ज्यादा की रफ्तार से सुंदरबन इलाके से टकराने वाला है. मौसम विज्ञानिकों और पर्यावरणविदों ने अम्फान से इलाके को भारी नुकसान का अंदेशा जताया है.
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रॉयल टाइगरस को भारी नुकसान की आशंका
सुंदरवन को यूनेस्को के तरफ से विश्व हेरिटेज साइट घोषित किया है. सुंदरवन रॉयल टाइगर के लिए विश्व प्रसिद्ध है. सुंदरवन करीब 140,000 हेक्टर इलाके में फैला हुआ है. क्लाइमेट रेसिलेंट ऑबजर्बिंग सिस्टम्स काउंसिल (सीआरओपीसी) के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव का ब्यान आया है. उनका कहना है की, यह चक्रवाती तूफान की आशंका के मद्देनजर रॉयल टाइगर को भारी नुकसान पहुंच सकता है. इसके साथ- साथ सुंदरवन के पेड़- पौधों को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है.
मैंग्रो वन कर रही थी रक्षा
सुंदरवन में करीब 260 पक्षियों की जनजातियां पायी जाती हैं. हालांकि सुंदरवन में स्थित मैंग्रो वन समुद्री हवाओं से रक्षा का काम करता रहा है. पिछले दिनों आये चक्रवाती तूफान में मैंग्रो वन ने रक्षा कवच का काम किया है. तूफान की निगरानी के लिए सरकार ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है. इसके लिए सचिवालय में एक कंट्रोल रूम खोला गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने तूफान के दौरान आम लोगों के लिए “क्या करें और क्या नहीं करें” का एक दिशानिर्देश भी जारी किया है.
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सुंदरवन की त्वारित प्रतिक्रिया दल टाइगरस की गतिविधियों पर नजर रखेगी
पश्चिम बंगाल में बुधवार को ‘अम्फन’ चक्रवात आने की संभावना जताई गई थी. इसके बीच वन विभाग ने मंगलवार को त्वारित प्रतिक्रिया दल गठित किया था. यह दल सुनिश्चित करेंगे कि दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाघ तूफान के दौरान भटकर पास की मानव बस्तियों में न जा सके.
प्रमुख वनजिव वार्डन रविकांत सिन्हा ने कहा कि विभाग ने जिले के गोसाबा इलाके में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. यह जंगल में 24 घंटे स्थिति पर निगरानी करेगी. विभाग ने साल्टलेक इलाके में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया है. यह गोसाबा इकाई से लगातार संपर्क में रहेंगे. तथा वन जीवों की गतिविधि पर करीब से नजर रखेगा.
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