इस महिला ने कोरोना किट बनाने के लिए भुला दी प्रसव पीड़ा…
पुणे की एक महिला वायरोलॉजिस्ट अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए कोरोना वायरस की जांच के लिए बनी पहली स्वदेशी जांच किट बनाने का हिस्सा बनने की उपलब्धि हासिल की है. ये उपलब्धि खास इसलिए है क्योंकि महिला वायरोलॉजिस्ट ने प्रसव पीड़ा के बावजूद देश के लिए ये कारनामा कर दिखाया है.
आपको बता दें कि इस किट के सफलतापूर्वक निर्माण के बाद महिला वायरोलॉजिस्ट ने सर्जरी के जरिए अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. वहीं पुणे की इस रिसर्च टीम और महिला वायरोलॉजिस्ट चारों ओर तारीफ हो रही है. खास बात ये भी है कि कोरोना वायरस की जंग के बीच सरकार ने भी इस किट के व्यवसायिक निर्माण की मंजूरी दे दी है.
आपको जानकर हैरानी होगी की पुणे की मायलैब फॉर्मास्युटिकल कंपनी ने कोरोना वायरस टेस्ट किट का निर्माण सिर्फ छह सप्ताह में सफलतापूर्वक किया है. कंपनी में बतौर अनुसंधान और विकास विभाग के प्रमुख के तौर पर कार्यरत डॉक्टर मीनल भोसले भी उस टीम का हिस्सा बनीं, जिसने भारत के पहले कोविड-19 टेस्ट किट का सफल परीक्षण किया था. खास बात है कि डॉक्टर मीनल ने अपनी प्रसव पीड़ा को भी अपने काम के बीच में अवरोध बनने नहीं दिया.
कंपनी का ये किट स्वदेशी निर्मित है. कंपनी इससे पहले कई अलग अलग रोगों के लिए भी किट तैयार कर चुकी है. वहीं कोविड-19 किट के पहले बैच के साथ पूरी तरह से तैयार है. सरकारी और प्राइवेट लैब में इसकी आपूर्ति को जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा.
आपको बता दें भारत में भी कोरोना टेस्ट करने के लिए किट जर्मनी से आ रहे हैं, जिसकी मांग पूरी दुनिया में हो रही है. वैसे ये किट काफी महंगे है. वहीं जो किट पुणे की मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस में निर्मित है उसका दाम काफी सस्ता है. लैब के रणजीत देसाई ने मीडियो का कहा कि ये किट विदेश से मंगवाए गए किट से काफी सस्ती है. हम एक दिन में 50 हजार तक और एक सप्ताह में डेढ़ लाख किट बना सकते हैं. ये किट जहां वर्तमान में मौजूद किट की अपेक्षा सात घंटे की जगह सिर्फ ढाई घंटे में कोरोना की जांच करेगी.
यह विदेशी किट की तुलना में चार गुना सस्ते साबित होंगे. ढाई घंटे के भीतर ही इस स्वदेशी किट से कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों की पहचान की जा सकेगी. फिलहाल मरीजों की जांच में सात घंटे का समय लगता है.