बंदरों पर कोरोना वैक्सीन टेस्ट में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को मिली कामयाबी…इंतजार है इंसानों के लिए वैक्सीन का
चीन के वुहान से निकले कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 3 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. लगभग 6 माह बीतने के बाद भी तमाम कोशिशों के बाद भी अभी तक कोरोना महामारी का इलाज किसी को नहीं मिल सका है. कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया के बड़े देश और शीर्ष वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. अभी तक किसी को भी कोई ठोस कामायबी नहीं मिल सकी है. कोरोना वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को बंदरों पर ट्रायल के दौरान सकारात्मक नतीजे मिले हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना की वैक्सीन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट जारी है. बंदरों पर ट्रायल के दौरान शोधकर्ताओं को बेहद उत्साहजनक नतीजे मिले हैं.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को बंदरों पर ट्रायल के दौरान वैक्सीन के परीक्षण से बंदरों की प्रतिरोधक प्रणाली में कोरोनावायरस के प्रभाव को रोकने की संभावना दिखी है. साथ ही वैक्सीन का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं दिखा है. ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन का ट्रायल 6 Rhesus Macaque बंदरों पर किया गया जिससे बंदरों का इम्यूनिटी सिस्टम वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो गया.
अध्ययन के अनुसार, वैक्सीन की एक खुराक फेफड़ों और उन अंगों को होने वाले नुकसान से भी बचा सकती है, जिन्हें कोरोना वायरस गंभीर रुप से प्रभावित कर सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि वैक्सीन लगाने के बाद उनमें से कुछ बंदरों के शरीर में 14 दिनों में एंटीबॉडी विकसित हो गई और उनमें कुछ में 28 दिन में. इस टीके ने वायरस को शरीर में खुद की कॉपियां बनाने और बढ़ने से रोका लेकिन यह भी पाया गया कि कोरोना अभी भी नाक में सक्रिय था.
इससे पहले चीन के शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस की वैक्सीन का बंदरों पर सफल परीक्षण करने का दावा किया था. चीन ने भी Rhesus Macaque बंदरों पर टेस्ट किया था. शोधकर्ताओं के मुताबिक Rhesus Macaque बंदर जेनेटिक स्तर पर इंसानों के बेहद करीब होते हैं इसलिए ये माना जाता है कि इन पर असर करने वाला वैक्सीन इंसानों पर ट्रायल में भी बराबरी के नतीजे दे सकता है.
चीन ने बंदरों को वैक्सीन देने से पहले कोरोनावायरस से संक्रमित किया था और वैक्सीन देने के बाद बंदरों के फेफड़ों से वायरस गायब पाया गया था. ऐसे में ब्रिटेन और चीन के वैक्सीन के ट्रायल के सफल दावों से कोरोनावायरस से लड़ने की नई उम्मीद जगी है. ब्रिटेन और चीन के अलावा इज़राइल और इटली भी कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके हैं.