शर्मनाक !!! डेढ़ हजार डॉक्टरों को तीन महीने से नहीं मिली सैलरी
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में देश की जनता को जब भी मौका मिलता है वो कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करती है. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो कोरोना वॉरियर्स को सम्मान की नजरों से न देखे. कोरोना वॉरियर्स का सम्मान होना भी चाहिए क्योंकि महामारी के इस कठिन समय में खुद की जान को जोखिम में डालकर वो देश की सेवा में जुटे हुए हैं.
खुद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी कोरोना वॉरियर्स के लिए तालियां बजवा चुके हैं. इतना ही नहीं उनके लिए फूल भी बर्साए गए हैं. मगर जमीनी हकिकत पर गौर करें तो सामने कुछ अलग ही जानकारी आती है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी) में कोरोना वॉरियर्स को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है. यानी कोरोना वॉरियर्स संकट के इस समय में तन-मन से सरकार और देश की सेवा में जुटे हैं मगर उन्हें उनका हक, उनकी सैलरी तक नहीं दी जा रही.
पिछले कई महीनों से नॉर्थ के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है. इन दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण डॉक्टरों में पहले से ही डर का माहौल बना हुआ है. वहीं कई महीनों की बकाया सैलरी की मांग को लेकर अब नई परेशानी खड़ी हो गई है.
सैलरी न मिलने से डॉक्टर काफी परेशान है. वेतन न मिलने के कारण डॉक्टर इतने परेशान है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच भी वो प्रशासन के खिलाफ कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं. अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि अगर निगम और प्रशासन ने सैलरी को लेकर जल्द से जल्द कोई समाधान नहीं निकाला तो डॉक्टरों व अन्य मेडिकल स्टाफ काम बंद करने पर मजबूर हो सकते हैं.
यानी हो सकता है कि आप किसी कारणवश अस्पताल जाएं और आपको इलाज न मिले, जिसका कारण निगम का डॉक्टरों के प्रति उदासीन रवैया हो सकता है. वहीं प्रशासन का कहना है कि निगम के पास अभी पर्याप्त फंड नहीं है.
डेढ़ हजार कर्मचारी
आपको बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पताल, डिस्पेंसरी के अंतर्गत लगभग डेढ़ हजार डॉक्टर्स काम करते हैं. डॉक्टरों को बीते तीन महीनों से सैलरी नहीं मिली है. डॉक्टरों के अलावा ग्रुप बी के कर्मचारियों को भी दो महीने से वेतन का इंतजार है.