चक्रवात निसर्ग महाराष्ट्र से टकराया, अलीबाग में लैंडफॉल
- महाराष्ट्र में एहतियातन एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गई
- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवात निसर्ग को लेकर राज्य के लोगों से दो दिन तक घरों के अंदर रहने की अपील की
मुंबई. कोरोना वायरस महामारी के बीच अब एक और खतरा गुजरात और महाराष्ट्र को घेरकर बैठा है. भारतीय मौसम विभाग ने गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र के लिए हाई अलर्ट जारी किया है. चक्रवात निसर्ग बुधवार सुबह एक भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल गया. बुधवार की दोपहर महाराष्ट्र के तट को पार किया.. यह तूफान रायगढ़ जिले के अलीबाग में हरिहरेश्वर और दमन के बीच लैंडफॉल किया. ये मुंबई से दक्षिण में सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है. कोरोनावायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से दो महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से हजारों निवासियों को निकाला गया है.
चक्रवात की गति
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अंतिम बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात 60 किलोमीटर दक्षिण में अलीबाग (महाराष्ट्र), मुंबई से 110 किलोमीटर दक्षिण और सूरत (गुजरात) से 340 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. चक्रवात 16 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है. इसमें हवा की गति 100-110 किमी प्रति घंटे के बीच है. जो 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है.
तूफान के दौरान यह करे:
- घर के सबसे सुरक्षित भाग में रहें.
- पेड़ों के नीचे से अपनी गाड़ी हटा लें.
- घर में कांच की खिड़कियों पर सपोर्ट के लिए कुछ लगाएं.
- घर के बाहर ढीली वस्तु हो तो उसे घर के अंदर ले आए या बाहर ही जोर से बांध दे.
- घर का मेन इलेक्ट्रिक स्विच और सिलेंडर बंद रखें.
- पीने का पानी साफ चीजों में रखे.
- रास्ते पे रह रहे जानवरों को अपने सोसाइटी में पनाह दे.
कुछ समस्या होने पर चक्रवाती निसर्ग हेल्पलाइन बीएमसी डिजास्टर कंट्रोल रूम- 022-22694719/25/27 या फिर 1916 डायल करें और साइक्लोन से संबंधित जानकारी के लिए 4 दबाएं.
गुजरात और मुंबई हाई अलर्ट पर
कोरोनावायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से दो महाराष्ट्र और गुजरात के तटों को हाई अलर्ट कर दिया गया था. आ रहे तूफान के कारण रेलवे ने कम से कम छह ट्रेनों को रिशेड्यूल या डायवर्ट किया है. भारतीय नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें बचाव और राहत कार्यों के संचालन के लिए स्टैंडबाय पर हैं.
चक्रवात निसारगा सन्-1882 के बाद से भारत की वित्तीय राजधानी को प्रभावित करने वाला पहला चक्रवाती तूफान होगा. मुम्बई भी कंटेनमेंट जोन के तहत बड़े हिस्से में कोविद -19 के प्रकोप से प्रभावित शहरों में से एक है. इस तूफान की वृद्धि से मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिलों के निचले इलाकों में चक्रवात के दौरान बाढ़ की संभावना है. मौसम विभाग द्वारा यह अनुमान लगाया जा रहा है, की तूफान से फूस के घरों, झोपड़ियों, बिजली, संचार लाइनों और तटीय फसलों को बड़ा नुकसान हो सकता है.