राहत! एनबीई ने दिया दखल, हिंदूराव अस्पताल को डॉक्टर के बर्खास्तगी के आदेश वापस लेने को कहा
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बड़े अस्पताल हिन्दूराव अस्पताल उस वक्त से चर्चा का विषय बना हुआ है जबसे अस्पताल के एक डॉक्टर पीयूष सिंह को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए हैं.
आरोप है कि डॉक्टर ने अस्पताल के काम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए थे. इसके बाद उनसे 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया. वहीं संबंधित डॉक्टर के खिलाफ एक और मामला सामने आया.
इस मामले में डॉक्टर पीयूष पर कथित तौर पर आरोप लगा कि उन्होंने अस्पताल के फेस शील्ड को चुरा कर बांट दिया. प्रशासन का कहना है कि डॉक्टर ने अस्पताल में इस्तेमाल होने के लिए मंगाए गए फेस शील्ड को अपने चहिते डॉक्टरों को बांट दिए.
उनके इस कदम के बाद उनके खिलाफ निगम ने एक्शन लिया है. यही नही कमिश्नर ने अपने ऑफिसियल ट्विटर एकाउंट से डॉ पीयूष को चोर तक बोल डाला, और मारने की बात भी की थी.
वहीं अब राहत की बात है कि राष्ट्रीय बोर्ड शिक्षा ने डॉक्टर पीयूष के लिए राहत की खबर दी है. बोर्ड ने हिंदूराव अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिख कर कहा है कि निगम के इस आदेश को वापस लिया जाए.
यानी डॉक्टर पीयूष का बर्खास्त का आदेश तत्काल रूप से खत्म किया जाए. इसी के साथ पीड़ित डॉक्टर जो हिंदू राव अस्पताल से डीएनबी की ट्रेनिंग ले रहे हैं. उसे भी जारी रखने के आदेश दिए गए हैं. यानी डॉक्टर को किसी कृत्य में दोषी नहीं पाया गया है. उन्हें 20 अप्रैल से अस्पताल में ट्रेनिंग ज्वाइन करने के आदेश मिले हैं.
इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से जारी किए गए आदेश में लिखा गया था कि डॉक्टर पीयूष सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है. इसकी सूचना एडिशनल कमीश्नर, ज्वाइंट डायरेक्टर (DNB)और डायरेक्टर हेल्थ को भी दी गई है.
निगम को आदेश दिए हैं कि डॉक्टर पीयूष को सस्पेंड करने के आदेश वापस लिए जाए. साथ ही उनकी डीएनबी की ट्रेनिंग को भी जारी रखा जाए.
डॉक्टरों में अभी भी है आक्रोश
डॉ पीयूष के बर्खास्त वाले आदेश को NBE द्वारा तत्काल रूप से खत्म करने केबाद भी डॉक्टरों का आक्रोश रुकने का नाम नही ले रहा है, उनका कहना है कि इस तरह से उच्च अधिकारियों द्वारा उनके शक्ति का दुरुपयोग किसी की जिंदगी बर्बाद करसकता है और कमिश्नर द्वारा खुले आम डॉक्टरों को चोर कहना पूरे देश के सामने डॉक्टरों की छवि बिगड़ता है, जब तक ऐसे लोगो पर कार्यवाही नही होगी तब तक यह आक्रोश नही रुकेगा।