पीएम मोदी ने जब कोरोना जंग में डटी नर्स को किया फोन, पूछा हालचाल
कोरोना के कारण पूरा देश लॉकडाउन का पालन कर रहा है. सभी लोग अपने घरों में रहकर इस बीमारी से लड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि इस समय में भी कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने काम के कारण घरों में नहीं बल्कि घर से बाहर निकलने को मजबूर हैं. कई ऐसी जरूरी सेवाएं हैं जिन्हें इस मुश्किल घड़ी में चालू रखा गया है, जिसमें मेडिकल सेवाएं सबसे आगे हैं. मेडिकल सेवा देने में नर्स, डॉक्टर्स, लैब टेक्निशियन और हेल्थकेयर से जुड़े अन्य लोग शामिल हैं.
वैसे इस बात में कोई दोराय नहीं है कि पीएम मोदी हमेशा ही उन लोगों की तारीफ करते हैं जो अच्छा काम करने के इच्छुक होते है. ऐसा ही एक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला जब पीएम ने महाराष्ट्र के सरकारी अस्पातल नायडू की वरिष्ठ नर्स को उनके निजी नंबर पर फोन किया और उनके काम को सराहा.
पीएम मोदी ने नर्स से ये कहते हुए बात शुरू की कि नमस्ते सिस्टर छाया. आप कैसी हैं? इसपर नर्स ने जवाब में कहा कि वो बिलकुल ठीक है. फिर पीएम ने बात आगे बढ़ाते हुए पूछा कि बताइए इस संकट की घड़ी में अपनी सेवा भाव के प्रति परिवार को कैसे आश्वस्त कर सकीं , क्योंकि आप जिस तरह से जी जान के साथ जनता की सेवा में लगी हुई है, उसे देखकर परिवार भी चिंतित तो जरूर हुआ होगा.
पीएम के इस सवाल का जवाब देते हुए नर्स ने कहा कि हां, चिंता होना तो लाजमी है, लेकिन काम तो करना पड़ता है सर. सेवा देने की है. हमारा देश जिस दौर से गुजर रहा है उसमें सबसे पहले हमारा काम जरूरी है. ये बहुत महत्वपूर्ण है कि हम लोगों की मदद के लिए आगे आए और मेरा परिवार इस बात को समझता है कि मेरी सबसे पहली प्राथमिकता क्या है.
वैसे ये बातचीत यहीं नहीं थमी, पीएम मोदी ने सिस्टर से पूछा कि जब नए मरीज आते होंगे तो काफी डरे होते होंगे. तो सिस्टर ने कहा कि हां ज्यादातर मरीज डरे हुए होते हैं. मगर इसके बाद हमारा काम होता है उनके मन से डर निकालना. हम एडमिट करने के बाद उनसे बात करते हैं, उन्हें समझाते हैं कि डरिए नहीं, कुछ नहीं होगा.
आपकी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी और अगर पॉजिटिव आ भी गई तो भी डरने की जरूरत नहीं है. अस्पताल में मरीज आते ही ठीक होने के लिए है. इसके बाद हम मरीज का ख्याल रखते हैं, समय पर दवाई देते हैं, तो मरीज भी बेहतर महसूस करते हैं. हालांकि उनके मन में डर बना रहता है जिसे हम बातों बातों में धीरे से निकालने की कोशिश भी लगातार करते रहते हैं.
इसके बाद पीएम ने पूछा कि मरीज के परिवार वाले भी उनके साथ आते होंगे और एडमिट करने की बात पर नाराज भी होते होंगे. तो सिस्टर ने कहा कि नहीं सर मरीज क्वारंटाइन में होते हैं तो ऐसी स्थिति में परिवार वाले नहीं आ सकते. अंत में पीएम ने पूछा कि देश भर में काम करने वाली महिला और पुरुष नर्सों को क्या संदेश देना चाहेंगी तो सिस्टर ने कहा कि ये समय डरने का नहीं, काम करने का है. कोरोना जैसी बीमारी को देश से भगाने का और देश को जीताने का समय है.