आप में भी हैं ये लक्षण, तो नहीं फैलेगा कोरोना
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने डिस्चार्ज नीति बदली
- कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों अस्पताल में भरती होने की अवश्यकथा नहीं है
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक विशेष घोषणा की है. पिछले 10 दिनों में बुखार से पीड़ित पूर्व-रोगसूचक, मध्यम रूप से रोगसूचक, और हल्के रूप से रोगसूचक कोविद-19 रोगियों से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के कोविद-19 के लगभग 80% रोगी स्पर्शोन्मुख हैं. इसके बाद देश में डिस्चार्ज नीति को संशोधित किया गया है. क्योंकि इस तरह के मरीज़ एक समर्पित कोरोनवायरस स्वास्थ्य सुविधा में 10 दिन बिताने के बाद घर पर ही ठीक हो सकते हैं.
डिस्चार्ज नीति में संशोधन
यह घोषणा 9 मई के सरकारी आदेश का पालन करती है. इसमे कोरोनो वायरस रोगियों के लिए निर्वहन नीति को बदला गया था. यह दर्शाता है कि हल्के लक्षणों को प्रदर्शित करने वाले सकारात्मक मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है. वह घर पर ठीक हो सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय इस बात के साक्ष्य के आधार पर लिया गया है. स्पर्शोन्मुख रोगी दूसरों को संक्रमित नहीं कर सकते हैं. विशेष रूप से, भारत के COVID-19 रोगियों का लगभग 80 प्रतिशत स्पर्शोन्मुख है, सरकार ने दावा किया है.
कोरोना टेस्टिंग मे हुई बढ़ोतरी
आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संचार रोगों के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने ब्यान दिया है.
“हमने परीक्षण में तेजी ला दी है. पिछले दो दिनों का दैनिक आंकड़ा एक लाख से ऊपर जा रहा है. 107,609 परीक्षणों में से, 89,466 परीक्षण आईसीएमआर प्रयोगशालाओं में किए गए. जबकि 18,143 परीक्षण निजी प्रयोगशालाओं में किए गए”. इन सबके बावजूद भारत की 1,852 प्रति मिलियन जनसंख्या पर परीक्षण का दर, दुनिया मे सबसे कम है.
भारत में पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज निकल कर आये है. केवल एक दिन में 5,376 कोरोना सकरात्मक मरीजों का पता लगा है. कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1,12,359 केसेस भारत मे है. संक्रमण से मरने की संख्या 3,435 हो गई है.