आमरण अनशन पर बैठेंगे निगम के “कोरोना वॉरियर्स” शिक्षक
नई दिल्ली. कोरोना वॉरियर्स को दुनिया भर में सलाम किया जा रहा है. कोरोना वॉरियर्स वो हैं जो कोरोना वायरस काल में भी लगातार जनता की सेवा करते हुए काम कर रहे हैं. चाहे वो डॉक्टर हो या पुलिस कर्मी. कोरोना वॉरियर्स इन दिनों सबसे आगे खड़े होकर कोरोना संक्रमितों की सेवा करने में लगे हुए है.
इसी कड़ी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षक भी लॉकडाउन में अपनी ड्यूटी को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान भी शिक्षक स्कूलों में पहुंच कर कच्चा और पका राशन वितरण का काम लगातार कर रहे हैं, ताकि आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
मगर निगम में कार्यरत शिक्षक खुद परेशानियों में जीने को मजबूर हैं. निगम के आठ हजार शिक्षकों को बीते तीन महीने से वेतन तक का भुगतान नहीं हुआ है. कई दिनों से शिक्षक लगातार काली पट्टी बंध कर काम करने को मजबूर है. कोरोना के संकट को देखते हुए निगम शिक्षकों ने न ही काम करना बंद किया और न ही लोगों को किसी तरह की दिक्कत आने दी.
शिक्षक कई बार निगम नेताओं और दिल्ली सरकार, मुख्यमंत्री तक को पत्र लिख चुके हैं मगर उनकी वेतन जारी करने की मांग पर किसी ने गौर नहीं किया. कोरोना संकट के दौरान भी शिक्षक बिना अवकाश के 11-11 घंटे काम करने को मजबूर है.
आमरण अनशन पर बैठेंगे शिक्षक
नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव रामनिवास सोलंकी ने सरकार और निगम को अस्टीमेटम दिया है कि अगक 31 मई तक बीते तीन महीनों का वेतन निगम शिक्षकों को नहीं मिलता है तो सोलंकी आमरण अमशन पर बैठेंगे.
निगम शिक्षक लौटाएंगे पुरस्कार
इसी के साथ तीनों निगमों (उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी) के शिक्षकों ने तय किया है कि अगर वेतन का मुद्दा नहीं सुलझता है तो निगम शिक्षक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कारों को वापस करने की मुहिम शुरू करेंगे.