लॉकडाउन की स्थिति में सरकार ने किया फैसला, पलायन कर रहे लोगों को मिले सभी जरूरत का सामान
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 900 के भी पार पहुंच चुकी है. इससे जान गंवाने वालों में 21 लगो भी शामिल हैं. 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच दिल्ली में दूसरे राज्यों से आए मजदूर अब यहां से पलायन करने लगे हैं. आलम ये है कि मजदूर पैदल ही अपने परिवारों से साथ दिल्ली छोड़ने को मजबूर हैं, बेचैन हैं.
दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डा, गाजियाबाद और कौशांबी बस अड्डा पर इस समय घर जाने वाले मजदूरों का हुजूम लगा हुआ है. एक तरफ जहां सरकार सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बाहर आने से संक्रमण होने का खतरा अधिक पैदा हो गया है.
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश सरकार ने इन लोगों की सुविधा को देखते हुए 1000 बसें चलाने का निर्णय लिया है वहीं इन बसों में एक साथ इतनी संख्या में लोगों के बैठने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा.
सरकार देगी खाना-पानी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन और टोल ऑपरेटरों को ये निर्देश जारी किया है कि नेशनल हाइवे से गुजरने वाले मजदूरों को खाना-पानी और अन्य जरूरत का सामान मुहैया कराया जाए. उन्होंने करहा कि ये देश के लिए संकट का समय है. इस समय जरूरतमंदों के लिए दया-भाव दिखाने की जरूरत है.
इतनी ही नहीं केंद्र सरकार ने राज्यों से भी कहा है कि स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड के लिए आवंटित की गई राशि का इस्तेमाल कर इन लोगों के लिए खाने-पीने, अस्थायी तौर पर ठहरने, कपड़े, दवा, इलाज आदि का इंतजाम करें.
एक तरफ जहां लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी कम नहीं हो रही है. न उनके पास रोजगार है न ही गुजारा करने के लिए पैसे. ऐसे में उन्हें पैदल ही घर वापस लौटना पड़ रहा है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने अपील ही है कि पलायन कर रहे मजदूर जो जहां हैं वहीं रूकें क्योंकि पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है.