गोयल ने साधा केजरीवाल पर निशाना, कहा व्यापारियों को लूट रही सरकार
नई दिल्ली. लॉकडाउन के दौरान इन दिनों दुकानें, स्कूल सब बंद हैं. इस समय भी दिल्ली के व्यापारियों, दुकानदारों के पास भारी भरकम बिल आ रहे हैं. दुकानें बंद होने के बावजूद बिल आने से व्यापारियों में रोष है
वहीं बीजेपी ने इस मामले पर दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा है. दरअसल लॉकडाउन के दौरान बिजली का कमर्शियल उपयोग कम हो रहा है. ऐसे में दुकानदारों को एवरेज बिल व फिक्स्ड चार्ज के नाम पर बिजली कंपनियां भारी भरकम बिल पकड़ा रही हैं.
इस मामले पर दिल्ली भाजपा प्रवक्ता अशोक गोयल देवराहा ने सवाल उठाया कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री और बिजली कंपनियों की सांठ-गांठ से बिजली का उपयोग न होने के बावजूद भी बिजली कंपनियों ने लोगों को बिल भेजना शुरू कर दिया है? दिल्ली सरकार के आदेश अनुसार 23 मार्च से सभी दुकानें,ऑफिस, शोरूम, फैक्ट्री बंद है और इनमें बिजली का इस्तेमाल नहीं हो रहा है ऐसे में व्यापारियों को एवरेज बिल के नाम पर पहले से भी ज्यादा बिल भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे छोटे-छोटे फैक्ट्री, शोरूम मालिक और दुकानदार बिल भरने को लेकर परेशान हैं. बिजली बिल की एक साथ रीडिंग में अधिक चार्ज लगने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है. एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री फ्री बिजली देने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह बिजली कंपनियों द्वारा फिक्स्ड चार्ज के नाम पर उन व्यापारियों को भी भारी भरकम बिल भिजवा रहे हैं जिन्होंने लॉक डाउन के दौरान बिजली का उपयोग नहीं किया. क्या फ्री बिजली देना चुनाव जीतने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल का चुनावी स्टंट था?
उन्होंने कहा किदिल्ली के व्यापारियों को भारी भरकम बिजली बिल मिलने से आर्थिक संकट की दोहरी मार पड़ी है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी बिजली कंपनियों के साथ मिलकर उनके साथ सौतेला व्यवहार किया. कोरोना संकट के समय में सरकार को बिजली का पैसा माफ कर देना चाहिए था लेकिन लोगों को अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं.
कई लोगों से भी शिकायतें मिली हैं कि जिनके बिल मुफ्त स्कीम के कारण जीरो आ रहे थे, अब उन्हें भी प्रोविजनल बिल भेज दिए गए हैं. संकट के समय में गोयल ने दिल्ली सरकार से अपील की है कि दिल्ली के व्यापारियों पर रहम करें और लॉकडाउन के समय में फिक्स्ड चार्ज/एवरेज बिल के नाम पर भारी भरकम बिल भेजना बंद करवाएं.