वेतन बढ़ने के इंतजार में डॉक्टर, कोरोना काल में भी सरकार को नहीं आया तरस
कोरोना वायरस महामारी के कारण इन दिनों डॉक्टरों के कंधों पर सबसे अधिक बोझ है. कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिसने पूरी दुनिया के अधिकतर देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस बीमारी से निपटने में सबसे अधिक मदद कर रहे हैं डॉक्टर.
फ्रंटलाइन पर आकर डॉक्टरों ने कोरोना मरीजों का इलाज किया और लाखों लोगों की जान बचाने का काम किया. मगर बीते कई दिनों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां कोरोना वॉरियर्स को
सरकार की तरफ से ही प्रतिष्ठा नहीं मिल रही.
ऐसा ही कर्नाटक में भी देखने में आया है. कर्नाटक में डॉक्टर दिन रात काम कर रहे हैं. कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगातार डॉक्टर ड्यूटी पर है. अपनी सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं. मगर इसके बाद भी सरकार की तरफ से उदासीन रवैया ही डॉक्टरों को मिल रहा है.
राजधानी दिल्ली की बात हो दक्षिण में कर्नाटक. डॉक्टरों के साथ सरकार और प्रशासन का व्यवहार ज्यादा उत्साहवर्धक नहीं है. कर्नाटक में डॉक्टरों को सरकार की तरफ से बेहद कम मेहनताना दिया जा रहा है. वो भी उस समय में जब कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.
डॉक्टरों ने की वेतन बढ़ाने की मांग
कर्नाटक में अब डॉक्टरों ने वेतन बढ़ोतरी की मांग की है. कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (KARD) ने भी मांग की है कि डॉक्टरों को 30 हजार रूपये का स्टाइपेंड मिलता है. सरकार को इस स्टाइपेंड में बढ़ोतरी करनी चाहिए. स्टाइपेंड बढ़ाने के लिए सरकार से कई बार मांग की गई मगर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेगती. कई बार निवेदन के बाद भी सरकार ने इस मामले में कोई ध्यान नहीं दिया है.
अब हड़ताल पर जा सकते हैं डॉक्टर
डॉक्टर अपनी मांग सरकार के पास कई बार रख चुके हैं. मगर सरकार डॉक्टरों की मांगों पर गौर करने को राजी नहीं है. ऐसे में अब डॉक्टर हड़ताल पर जाने की प्लानिंग में है. संभावना है कि अगर सरकार से जल्द से जल्द वेतन बढ़ोतरी को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तो डॉक्टर काम बंद कर सकते हैं.
गौरतलब है कि इस समय जब कोरोना वायरस की चपेट मे पूरा देश आया हुआ है. इस समय अगर डॉक्टर ने काम बंद किया जो हजारों मरीजों की जान पर बन आएगी. हड़ताल के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.