लॉकडाउन के बीच घर पहुंचे जामिया मिल्लिया के छात्र
- जेएमआई के छात्र विशेष बस से पहुंचे जम्मू कश्मीर
- 3 बार थर्मल स्कैननिंग से गुजरे छात्र
नई दिल्ली. जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर के लगभग 22 छात्रों को घर पहुंचाया है. सभी छात्र बीते 10 मई को अपने घरों के लिए रवाना हुए थे. लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय स्थित छात्रावास में रहने वाले सभी छात्र यहीं फंस गए थे. प्रशासन ने इन्हें एक विशेष बस से उनके घर तक पहुंचाने का प्रबंध किया.
छात्रों को घर पहुँचाने का इंतेजाम
विश्विद्यालय के पीआरओ अहमद अजी़म ने बताया, “जेएमआई के छात्र और छात्राएं कॉलेज हॉस्टल में फसें थे. विश्विद्यालय ने विशेष बस का इंतजाम कर इन सभी को अपने घरों के लिए रविवार को रवाना किया. बस में इनके साथ विश्वविद्यालय के दो गार्ड भी थे. हॉस्टल में फसें और भी छात्रों को उनके घर पहुंचाने का काम जारी है.” संस्थान की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर और रजिस्ट्रार (आईपीएस) ए. पी. सिद्धीक़ी की निगरानी में अन्य स्टाफ की मदद से ये व्यवस्था छात्रों के लिए की गई है.
छात्रों की हुई कोरोना टेस्टिंग
श्रीनगर पहुंचने पर सरकार के एसओपी निर्देशों के अनुसार सभी छात्रों को संगरोध किया गया. सभी का कोरोना वायरस के लिए मेडिकल टेस्ट किया गया. अधिकांश छात्र टेस्ट का निगेटिव पाए गए जिसके बाद उन्हें उनके घर पहुंचा दिया गया. जबकि कुछ छात्रों के परिणाम का अभी इंतजार है. श्रीनगर जाने के रास्ते में भी छात्रों की तीन जगह मेडिकल स्कैनिंग की गई.
हॉस्टल में हुई देख रेख
छात्रावासों में रहने के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा लागू पूर्ण संगरोध की वजह से छात्र इस घातक वायरस से सुरक्षित रहे. लॉकडाउन की घोषणा के समय बड़ी संख्या में छात्र हॉस्टल में थे. छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जामिया ने सभी छात्रावासों को छात्रावास परिसर में रहने के लिए कहा और उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी.
छात्रों ने प्रशासन का आभार जताया
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लगातार हॉस्टल, मेस सुविधा और छात्रों द्वारा मांगी गई किसी भी अन्य सहायता को सुनिश्चित किया. छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों, एमएचआरडी के मुख्य सचिव और जम्मू कश्मीर प्रशासन को, हॉस्टल में रहने के दौरान लगातार मदद और हौसला देने के लिए आभार जताया है.