जामिया के छात्रों को लेकर बिहार रवाना हुई बसें
नई दिल्ली. लॉकडाउन के कारण बिहार के रहने वाले छात्र जामिया के हॉस्टल में ही फंस गए थे. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे छात्रों को विशेष बसों के जरिए उनके घर पहुंचा रहा है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने अपने ब्याज़ एंड गर्ल्स हॉस्टल में रह रहे बिहार के अलग अलग जगहों के छात्रों को उनके घरो तक पंहुचने के लिए गुरूवार को 5 विशेष बसों की व्यवस्था की.
बिहार के लिए रवाना हुई बसें
ये बसें कल कटिहार, पूर्णिया, मुज़फ़्फ़रपुर, नालंदा और भागलपुर ज़िलों के लिए रवाना हुईं. प्रत्येक बस में एक स्टुडेंट को ग्रुप लीडर बनाया गया है. इस लीडर के अंडर 130 छात्र सवार हैं. कटिहार जाने वाली बस में बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल के 3 छात्र भी सवार हुए हैं. कटिहार पहुंचने के बाद तीनों छात्र खुद ही इंतजाम कर पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होंगे. छात्रों के साथ प्रत्येक बस में यूनिवर्सिटी के दो गार्ड (पूर्व सैन्यकर्मी) भी मौजूद हैं.
इन बसों के पांच स्थान तय किए गए है. ये बिहार के 30 ज़िलों को कवर करेंगे. छात्र बस से इन स्थानों में से अपने गृह जिले के नज़दीकी के मुताबिक किसी तय स्थान पर उतरेंगे. विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर ने छात्रों के इस यात्रा के बारे में बिहार सरकार और सभी 30 जिलों के स्थानीय प्रशासन को भी जानकारी दे दी है.

लॉकडाउन के कारण होस्टल बंद
लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय बंद है और छात्र हाॅस्टल में फंसे हुए है. छात्रों के अनुरोध पर, जामिया प्रशासन ने बिहार और दिल्ली की सरकारों के अधिकारियों के साथ ताल-मेल करके विशेष बसों से उनकी यात्रा के लिए अनुमति ली.
सभी गाइडलाइंस को अपनाया गया
कॉरोना वायरस से संबंधित बुखार या अन्य लक्षणों की जांच और बाकी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए छात्रों को पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. यात्रा करने वाले सभी छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा भोजन के पैकेट, पानी की बोतलें, हैंड सैनिटाइज़र और फेस मास्क भी मुहैया कराए गए. कैंपस से निकलने से पहले बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज़ किया गया.
कुलपति प्रो. नजमा अख़्तर ने संतोष व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि ये छात्र अपने अपने घर सुरक्षित पहुंचेंगे और जम्मू कश्मीर और झारखंड के छात्रों की तरह अपने परिवार के साथ होंगे. इससे पहले उक्त दोनों राज्यों के छात्रों को भी उनके घर भेजने की जामिया ने विशेष व्यवस्था की थी.
मौके पर चीफ प्रॉक्टर थे मौजूद
छात्रों की मदद करने के लिए डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) और उनकी टीम, चीफ प्रॉक्टर और उनकी टीम, प्रोवोस्ट्स और वार्डन और प्रशासनिक कर्मचारी डीएसडब्ल्यू कार्यालय में मौजूद थे. इस कार्यालय से स्क्रीनिंग सेंटर के लिए बसें रवाना हुई. स्क्रीनिंग सेंटर में भी छात्रों की जांच प्रक्रिया के वक़्त, चीफ प्रॉक्टर प्रो वसीम ए खान और अन्य शिक्षक मौजूद थे.
कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय बंद है लेकिन ऑनलाइन शिक्षण और मूल्यांकन चल रहा है. हालात सामान्य होने पर विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अगस्त 2020 में फिर से खुल जाएगा.
वर्तमान हालातों के चलते, हॉस्टल में रहने वाले छात्रों द्वारा अपने घरों को जाने की इच्छा व्यक्त करने पर, विश्वविद्यालय संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय करके उनकी यात्रा की व्यवस्था कर रहा है.