कोरोना के इलाज में बीसीजी का टीका कारगर है या नहीं, आईसीएमआर करेगा रिसर्च
- अगले हफ्ते से शुरू होगा शोध, डब्ल्यूएचओ ने शुरू किया ट्रायल
नई दिल्ली. भारतीय आयुर्वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना के इलाज का पता लगाने के लिए शोध करेगा. इस शोध में रिसर्च की जाएगी कि कोरोना के इलाज में बीसीजी का टीका असदार है या नहीं.
आमतौर पर बीसीजी के टीके का इस्तेमाल टीबी के इलाज में किया जाता है. बीसीजी का टीका कोरोना के इलाज में भी कारगर साबित हो सकता है इसकी भी चर्चाएं है. ऐसे में बीसीजी कोरोना के इलाज के लिए कितना प्रभावी है इस पर आईसीएमआर अगले हफ्ते से शोध का काम शुरू करेगा.
वैसे इस टीके को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी काम कर रहा है. WHO ने इससे संबंधित शोध शुरू कर दिया है. साथ ही साथ ट्रायल भी किए जा रहे हैं.
टीके के प्रभावी होने को लेकर आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. रमण आर गंगाखेडकर ने बताया कि बीसीजी का टीका कोरोना के मरीजों के लिए उपयोगी है या नहीं इसके कोई साक्ष्य नहीं मिले है. दरअसल कोरोना वायरस नया वायरस है. ऐसे में बीसीजी का टीका कोरोना वायरस पर असरदार होगा या नहीं ये रिसर्च का विषय है. ऐसे में अगले हफ्ते से शुरू होने वाली रिसर्च के नतीजे सामने आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
तीन लाख से ज्यादा टेस्ट हुए देश में
कोरोना की जांच के लिए अबतक देश भर में तीन लाख 29 हजार 400 से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं. बीते 24 घंटों में कुल 28 हजार 340 टेस्ट किए जा चुके हैं. इनमें से लगभग 24 हजार टेस्ट सरकार की 183 लैबों में हुए हैं बाकी के टेस्ट 80 निजी लैबों में किए गए हैं.