दिल्ली यूनिवर्सिटी के 28 कॉलेजों में जल्द बनें गवर्निंग बॉडी
नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेज दिल्ली सरकार के अधिन हैं. डीयू के ऐसे 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी बनाए जाने का इंतजार है. बीते कई महीनों से यूनिवर्सिटी में गवर्निंग बॉडी नहीं बनी है.
वहीं अब फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के पदाधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में बनने वाली गवर्निंग बॉडी के लिए शिक्षक संगठन भी लगातार कोशिश कर रहे हैं. फोरम ने भी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी मांग की है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में बनने वाली गवर्निंग बॉडी से पहले प्रिंसिपलों की बैठक बुलाकर ये निर्देश दिए जाएं इन कॉलेजों में आप सरकार की गवर्निंग बॉडी बनवाए.
फोरम के अध्यक्ष प्रो. हंसराज सुमन ने बताया कि दिल्ली में जिस भी पार्टी की सरकार बनती है उसी के दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी में चेयरमैन व कोषाध्यक्ष बनते हैं. यह पहला मौका है जब कई शिक्षक संगठनों द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी द्वारा भेजे गए गवर्निंग बॉडी के नामों से चेयरमैन व कोषाध्यक्ष ना बनाये जाए.
उन्होंने यह भी बताया है कि हर कॉलेज में वाइस चांसलर नोमानी के रूप में दो प्रोफेसर को गवर्निंग बॉडी में रखा जाता है. विश्वविद्यालय प्रशासन कॉलेजों में खास विचारधारा के प्रोफेसरों को भेजा जा रहा है ताकि प्रिंसिपलों के साथ मिलकर उस खास शिक्षक संगठनों के चेयरमैन बनाने में मदद करे.
उन्होंने कहा कि ये शिक्षक संगठन चाहता है कि उनकी विचारधारा से जुड़े शिक्षकों, कर्मचारियों की नियुक्तियां कराई जा सके. उनका यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में पिछले दस वर्षों से नियुक्ति ना होने के कारण 50 से 60 फीसदी तो कहीं-कहीं इससे ज्यादा पदों पर एडहॉक शिक्षक लगे हुए हैं.
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में सेकेंड ट्रांच की टीचिंग व नान टीचिंग (शैक्षिक व गैर शैक्षिक पद ) की पोस्ट आई हुई है ताकि इन पदों पर अपने खास लोगों और अपनी विचारधारा के लोगों की नियुक्ति करा सके. वह तभी संभव है जब उनके चेयरमैन, कोषाध्यक्ष होंगे. शिक्षकों की इन नियुक्तियों के माध्यम से विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन पर अपना कब्जा जमाना चाहते हैं.
उन्होंने दिल्ली सरकार से पुनः मांग की है कि वह जल्द से जल्द दिल्ली सरकार के अपने 28 कॉलेजों के प्रिंसिपलों की मीटिंग कर आप के सदस्यों में से चेयरमैन/कोषाध्यक्ष बनाने के निर्देश दे.