सड़क पर महिला की लाश छोड़ घर लौटे परिवारवाले, श्मशान घाट पर हुई तू-तू मैं-मैं
मनुष्य धीरे-धीरे निर्दयी होता जा रहा है और वह मानवीयता, दया जैसे शब्द भूलने लगा है। कुछ घटनाओं को देखकर लगता है कि मनुष्य में अब दया, करूणा, प्रेम ऐसी कोई चीज बची नहीं है। मनुष्य के जीवित रहते अगर कोई ऐसा करता है तो ठीक है, लेकिन मरने के बाद कंधा देकर उसका अंतिम संस्कार करने की परंपरा होती है, लेकिन हैदराबाद के श्रीकाकुलम में एक छोटे से विवाद के चलते अपने भी एक वृद्ध महिला के शव को बीच सड़क लावारिस लाश की तरह छोड़कर चले गए।
क्या है मामला
श्रीकाकुलम के मेट्टुरुगुडा के 65 साल की रेवलासा महालक्ष्मी का गुरुवार को निधन हो गया। लेकिन परिचित .. करीबी रिश्तेदारों के अंतिम दर्शन के लिए पूरी रात रखना चाहते थे। वे आज अंतिम संस्कार करना चाहते थे। अंतिम संस्कार के लिए शव को मेट्टूर बिट -3 श्मशान घाट कब्रिस्तान में लाया गया। तब तक, सब कुछ ठीक था। हालांकि असली समस्या अब जाकर शुरू हुई।
स्थानीय लोगों ने महिला के अंतिम संस्कार पर लगाई रोक
दरअसल परिवार वालों ने अंतिम दर्शन के बाद महिला के शव मेट्टुरुगुडा में बने श्मशान घाट लेकर आए। जैसे ही वो यहां महिला का शव लेकर पहुंचे तो कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें अंतिम संस्कार करने से रोक कर दिया। यहां के लोगों का कहना था कि महिला का जहां अंतिम संस्कार किया जा रहा है वहां आस-पास घर हैं इस वजह से वो यहां उसका अंतिम संस्कार ना करें।
दोनों पक्षों में हुई बहस
इसी बीच एक ने सवाल किया कि आखिर उन्हें महिला के अंतिम संस्कार करने से क्या दिक्कत है, जबकि यह इस श्मशान घाट में काफी से लोगों का अंतिम संस्कार होता चला आ रहा है। देखते ही देखते दोनो पक्षो ने बहस करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते दोनों पक्षों में बात और भी ज्यादा बढ़ गई और तू-तू मैं-मैं में बदल गई। दोनो ओर के लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहे थे। कुछ देर जो लोग शव लेकर आए थे वे शव को कॉलोनी की सड़क पर ही छोड़ दिया और वापस चले गए।
पुलिस ने की दोनों पक्षों को मनाने की कोशिश
सड़क पर शव छोड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने दोनों समूहों को समझाने की कोशिश की। यह सुझाव दिया गया कि अंतिम संस्कार कहीं और कर दिया जाए। लेकिन वे सहमत नहीं हुए। पुलिस के काफी समझाने के बावजूद दोनों पक्षों के लोग अपनी मांग पर अडे़ रहे।
दोनों पक्ष अपनी मांग पर अड़े
शव लाने वाले परिवार का आरोप है कि कुछ लोगों ने श्मशान घाट पर कब्जा कर लिया है और इसीलिए वे इसमें बाधा डाल रहे हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ने इस बात से इनकार किया है। अधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में श्मशान घाट के लिए उन्हें मनाने के लिए कई तरह से प्रयास किए हैं। फिर भी उन्होंने नहीं सुनी। उन्हें चेतावनी दी गई कि अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा या शव को पीछे छोड़ दिया जाएगा। यह दोनों पक्षों का तर्क है। इसके साथ अंतिम संस्कार या लाश को इतना अनाथ छोड़ना पड़ा।
गाव वालों द्वारा बताया गया कि अधिकारियों के काफी प्रयास के बाद वृद्ध महिला के शव को पलकोंडा एरिया अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया गया है।