निगम में शिक्षकों का शोषण, बिना आराम लगातार कर रहे ड्यूटी
कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए सरकार हर कदम उठा रही है. सरकार के इन कदमों को सकारात्मक बनाने का काम कर रहें हैं वो कर्मचारी जो लॉकडाउन के दौरान भी अपनी ड्यूटी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं. चाहे वो कर्मचारी केंद्र सरकार के हों या राज्य सरकार के. सभी अपने अपने कर्तव्य को बखूबी निभाने में जुटे हुए हैं.
ऐसा ही कुछ दिल्ली में देखने को मिल रहा है. दिल्ली के नगर निगमों के शिक्षक इन दिनों लगातार बिना छुट्टी के ड्यूटी कर रहे हैं. जब से केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगाया है तभी से जरूरतमंदों को दी जाने वाली सुविधाओं को पहुंचाने का काम दिल्ली में नगर निगम के शिक्षकों के कंधों पर है.
निगम के कई शिक्षक इन दिनों राशन वितरण से लेकर माइग्रेंट्स के लिए स्कूलों में लगाए गए कैंपों में 11-11 घंटों के लिए लगाई गई अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. मगर शिक्षकों के साथ निगम की तरफ से संवेदनशील व्यवहार नहीं हो रहा है. इसकी शिकायत खुद निगम के शिक्षकों ने अधिकारियों से की है. इस संबंध में कुछ शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक को ईमेल भी किया है.
शिक्षकों ने मांग की है कि बीते एक महीने से बीना किसी अवकाश के लगातार वो 11-11 घंटों की ड्यूटी कर रहे हैं. इसके लिए कई लोगों को काफी दूर से या दूसरे राज्यों से भी आना पड़ रहा है. वहीं निगम में कार्यरत कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ड्यूटी करने से मना कर दिया है.
वहीं ड्यूटी पर आ रहे शिक्षकों का आरोप है कि अप्रैल माह में सभी शिक्षकों को TA यानी की ट्रैवलिंग अलाउंस का भुगतान किया गया है, जबकि कई शिक्षक ड्यूटी पर आए ही नहीं. अगर शिक्षक घर बैठे ट्रैवलिंग अलाउंस लेते हैं तो निगम अधिकारियों को उन्हें भी ड्यूटी पर बुलाना चाहिए.
वहीं बॉर्डर सील होने और आने जाने की दिक्कत को लेकर शिक्षकों ने निगम को सुझाव दिया है. शिक्षकों ने कहा है कि ऐसे सभी शिक्षकों के लिए आस पास के स्कूलों में ही रहने की व्यवस्था कर दी जाए.
जब पहली बार उन्हें दिल्ली आना हो तो विभाग उनके लिए व्यवस्था करे. शिक्षकों के लिए खाने पीने के लिए की जाने वाली व्यवस्था को लेकर सुझाव दिया कि अधिकर स्कूलों के आस पास सरकार पका हुआ भोजन बांटने का काम कर रही है. यहां से शिक्षकों के खाने की व्यवस्था भी हो जाएगी.
शिक्षकों ने शिकायत में कहा है कि जिन भी शिक्षकों को अप्रैल का यात्री भत्ता मिला है और जिन्होंने ओअप्रैल में ड्यूटी नहीं की है अब उनकी ड्यूटी लगाई जाए. अप्रैल में ड्यूटी करने वालों को रेस्ट दिया जाए ताकि वो लगातार काम करने के कारण बीमार न पड़ सकें.