दिल्ली से मुंबई तक छात्रों का आंदोलन, शुरू किया ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगाया हुआ है. लॉकडाउन में ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय सब सरकार के अगले आदेश तक बंद है. लॉकडाउन के कारण छात्रो की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है.
इसी बीच मुंबई विश्वविद्यालय ने एक नोटिस जारी किया हैं कि अंतिम सत्र के छात्रों की परीक्षाएं 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच ली जाएंगी. अन्य सभी सत्र के छात्रों को परीक्षा का अंक असाइनमेंट और अंतरिम मूल्यांकन के आधार पर दिया जाएगा.
विश्वविद्यालय के इस फैसले को लेकर छात्रो में काफी आक्रोश है. छात्रों ने मांग की है कि जबतक कोरोना वायरस का प्रकोप कम नहीं हो जाता तबतक विश्वविद्यालय परीक्षाओं का आयोजन न करें. अपनी मांग के समर्थन में छात्रों ने ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की है. इस अभियान में अबतक 34000 छात्रों ने हस्ताक्षर कर दिए है.
इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन का का कहना है कि वो UGC के दिशा-निर्देशों से बंधे हुए हैं. UGC के निर्देशों के मुताबिक ही विश्वविद्यालय कोई फैसला ले सकता है.
इस मामले पर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि तकनीकी और उच्च शिक्षा के छात्रों को अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिए उन्हें पीरक्षा देनी होगी. मंत्री के इस बयान के बाद से ही छात्रों में असमंजस की स्थिति है.
छात्रों को समझ नहीं आ रहा किन छात्रों की परीक्षाएं होगी और किन छात्रों की परीक्षाएं नहीं होंगी. छात्रों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से निवेदन किया हैं कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करे. यहाँ आपको बताते चले कि महाराष्ट्र कोरोना से देश का सबसे राज्य है.
दिल्ली विश्वविद्यालय का नोटिस जारी
दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी एक नोटिस जारी कर कहा है कि सभी सत्रों के छात्रों की परीक्षाएं 1 जुलाई से आयोजित होगी. अगर परिस्थितियाँ अनुकूल न रही तो ओपन बुक के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षाएं ली जायेगी. जिससे छात्र काफी परेशान है कि अगर नेट की परेशानी हुई तो हम अपनी परीक्षाएं कैसे दे पाएंगे.
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध ऑनलाइन मुहिम शुरू की है. इस मुहिम में छात्रों को शिक्षकों का भी साथ मिल रहा है. डूटा ने भी इसका विरोध किया है. डूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय का यह निर्देश बच्चों के साथ विश्वासघात हैं.