दिल्ली सरकार उत्तरी निगम को दे 293 करोड़ रुपये : हाईकोर्ट
नई दिल्ली. उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को आदेश दिए हैं को वो उत्तरी दिल्ली नगर निगम को जल्द से जल्द 293 करोड़ रुपये जारी करे. उच्च न्यायालय में निगम शिक्षकों के वेतन के लिए फण्ड जारी करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने ये आदेश दिए है.
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बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय ने अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निगम को 293 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिए है. इस संबंध में अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के अधिवक्ता रंजीत शर्मा का कहना है कि सुनवाई के बाद न्यायालय ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लिए आदेश दिए है.
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इस आदेश के तहत दिल्ली सरकार को 10 दिनों में तीनों निगमों को जुलाई से दिसंबर तक का बजट जारी करना है. इसी के साथ सभी निगमों के पेंशनर्स की पेंशन और वेतन का भुगतान करना है. इसी के साथ उत्तरी निगम के अस्पतालों पर खर्चे का ब्यौरा व अत्यधिक घाटा होने पर इन्हें केंद्र या दिल्ली सरकार को सौंपने को लेकर दो सप्ताह में एफिडेविट दायर करने के भी आदेश दिए है.
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अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. रामचंद्र डबास ने कहा कि उत्तरी निगम ने एफिडेविट के जरिए बताया कि वो कमाई बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. न्यायालय ने निगम से एफिडेविट दायर करने को कहा है. वहीं संघ के अध्यक्ष अरविन्द मिश्रा ने कहा कि न्यायालय ने सभी पार्षदों को मिलने वाली वित्तीय सहायता का ब्यौरा भी मांगा है.
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संघ के संरक्षक गिरिराज शर्मा का कहना है कि लंबे समय से निगम में वेतन और पेंशन के लिए कर्मचारियों को धक्के खाने पड़ते है. न समय से पेंशन मिल रही है न ही वेतन. निगम और दिल्ली सरकार की खींचतान के बीच ये व्यवहार अमानवीय और अनौतिक है.