लॉकडाउन में व्यापारियों को 5.50 लाख करोड़ का हुआ नुकसान – कैट
- कैट ने सरकार से देश के 7 करोड़ व्यापारियों के लिए राहत पैकेज की मांग करने की बात कही है
- लॉकडाउन के वजह से व्यापारियों को भारी नुकसान होने पर भी उनके द्वारा लॉकडाउन का समर्थन किया जा रहा है
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए आर्थिक पैकेज के आख़री किश्त की घोषणा आज हुई है. पिछले 5 दिनों से लगातार केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज के अलग-अलग भाग पर घोषणा की है. इसी बीच कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी एक रिपोर्ट में व्यापारियों के प्रति अनदेखी किए जाने पर निराशा जताई है.
क्या है पूरा मामला
कैट ने भारत के 7 करोड़ व्यापारियों की तरफ से सरकार के खिलाफ गहरी निराशा और आक्रोश व्यक्त की है. कैट के अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने ट्वीट करके कहा कि आज देश का पूरा व्यापारीक समुदाय सरकार की गहरी उपेक्षा को लेकर नाराज हैं. कैट की रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के निर्णय से व्यापारियों को बहुत बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें वेतन, ब्याज, बैंक ऋण, कर और विभिन्न वित्तीय देयधन का भुगतान करना पड़ रहा है. अगर सरकार द्वारा व्यापार की सुरक्षा नहीं की गई तो लगभग 20% व्यापारियों पर अपना व्यवसाय बंद करने की नौबत आ सकती है. साथ ही अन्य 10% व्यापारी जो इन 20% व्यापारियों पर निर्भर है उन्हें भी रोजगार का संकट पैदा हो सकता है.
व्यापारियों को किस प्रकार नुकसान हो रहा है?
कोरोना वायरस महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय के बाद, कैट ने सरकार से व्यापारियों को उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पैकेज देने का आग्रह किया है. कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कोविद-19 की वजह से खुदरा व्यारपियों को नुकसान हुआ है. कैट की रिपोर्ट के अनुसार भारत के लगभग 7 करोड़ खुदरा व्यापारियों को 25 मार्च से 5.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
सरकार से राहत पैकेज की मांग
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है, “भारतीय खुदरा व्यापारी लगभग 15,000 करोड़ रुपये का दैनिक कारोबार करते है. देश भर में लॉकडाउन की वजह से यह सब कारोबार ठप है. 1.5 करोड़ व्यापारियों ने अपने शटर को स्थाई रूप से बंद कर दिया है”. कैट ने इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करेगी.