छात्रों की समस्याओं का हल निकालने के लिए एबीवीपी ने एग्जाम विभाग के डीन से की मुलाकात
नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी बीते कई दिनों से लॉकडाउन के कारण बंद है. यूनिवर्सिटी न खुलने के कारण इन दिनों कैंपस में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं यूनिवर्सिटी के बंद होने से छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
छात्रों के एग्जाम को लेकर कई दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. दरअसल यूनिवर्सिटी ने ओपन बुक एग्जाम लेने की तैयारी की है. वहीं कई शिक्षक और छात्र ओपन बुक एग्जाम लिए जाने के खिलाफ है.
इसी संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीबी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के डीन प्रो विनय गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में छात्रों की समस्याएं बताई गई हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि छात्रों की समस्या का जल्द निवारण करे. एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परीक्षा के संदर्भ में जारी की गई अधिसूचना पर सभी हितधारकों के सुझावों को संज्ञान में न लिए जाने पर आपत्ति दर्ज की है.
एबीवीपी ने प्रशासन से मांग की कि मूल्यांकन और परीक्षा के माध्यमों पर निर्णय करते समय डीयू के प्रत्येक छात्र के हितों का ध्यान रखा जाए. प्रशासन ध्यान में रखते हुए एक निश्चित समय सीमा के भीतर परीक्षाएं कराए जाने पर जोर दें, जिससे छात्रों के हितों का ध्यान रखा जाए.
एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल की डीन एग्जामिनेशन से लगभग 1 घंटे मुलाकात चली. प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान कई विषयों पर विस्तार से छात्रों का पक्ष प्रशासन के सामने रखा. ज्ञापन में एबीवीपी ने परीक्षा के स्वरूप , मूल्यांकन आदि के संदर्भ में छात्रों को अधिक विकल्प दिए जाने की मांग की.
इसके साथ ही एबीवीपी ने यह भी कहा कि एग्जाम के लिए ऑनलाइन माध्यम चुनते समय उन छात्रों का ध्यान रखा जाए जिनके पास इंटरनेट एक्सेस नहीं है और उन्हें स्थितियां सामान्य होने पर ऑफलाइन परीक्षा का मौका दिया जाए.
एबीवीपी ने इस ज्ञापन में छात्रों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने, अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा का मूल्यांकन जुलाई महीने में संपन्न करने, व्यावहारिक मूल्यांकन पद्धति अपनाने, प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा हेतु कैरी फॉरवर्ड पद्धति अपनाने, ऑफलाइन मोड में कंप्लीट किए गए सिलेबस से ही परीक्षा कराने, इंटरमीडिएट सेमेस्टर के लिए इनहाउस परीक्षा पद्धति अपनाने, सप्लीमेंट्री परीक्षाएँ छठे सेमेस्टर के साथ कराने का विकल्प देने, अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए अधिक से अधिक परीक्षा स्वरूप का विकल्प दिए जाने ( जिसमें प्रोजेक्ट, परियोजना कार्य, वायवा, बहुविकल्पीय परीक्षा, वीडियो सबमिशन का सम्मिश्रण एक विकल्प हो सकता है), जुलाई की परीक्षा से जुड़ी समस्याओं के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ बनाने तथा वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध कराने, परीक्षा विभाग द्वारा जो भी विकल्प तय किया जाता है उसको लेकर छात्रों के बीच के संशय को दूर करने के प्रयास आदि सुझाव को ज्ञापन के माध्यम से रखा है.
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि हमने अपने ज्ञापन में प्रशासन को छात्रों की समस्याओं से अवगत कराया है. हमारी प्रशासन से मांग है कि भारत सरकार ऑनलाइन टीचिंग के लिए जिन माध्यमों का उपयोग कर रही है डीयू उन माध्यमों का छात्रों तक पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रयोग करे.
हम नई तकनीकों के पक्षधर हैं लेकिन टेक्नोलॉजी की वजह से किसी भी छात्र को नुकसान ना हो यह प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा. हमने प्रशासन से मांग किया है कि वह सभी हितधारकों जैसे प्राध्यापकों तथा छात्रों से संवाद को बढ़ाएं छात्रों के समक्ष सभी विषयों की पूरी जानकारी शासन को उपलब्ध करानी चाहिए. ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प छात्रों के समक्ष खुला रहना चाहिए हम आशा करते हैं कि छात्रों के सभी सुझावों एवं मांगों पर प्रशासन सहानुभूतिपूर्ण विचार कर आवश्यक कदम उठाएगा.”