कोरोना संकट के बीच डॉक्टरों की हड़ताल, बिगड़ ने जाए हालात
कोरोना वायरस का संक्रमण इन दिनों देश भर में फैला हुआ है, जिससे निपटने के लिए हमारे देश के डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ किसी सैनिक की तरह डटे हुए हैं.
इसी बीच भोपाल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राजगढ़ जिले के सभी डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से कार्य न करने का फैसला किया है. एक तरफ जहां पूरा मेडिकल महकमा कोरोना के संकट से देश को निकालने के प्रयासों में जुटा हुआ है वहीं राजगढ़ के डॉक्टरों का ये फैसला हैरान करने वाला है.
ये है पूरा मामला
दरअसल राजगढ़ के कलेक्टर नीरज सिंह ने सिविल सर्जन ऑफिस में हुई बैठक के दौरान डॉक्टरों के साथ अभ्रदता की. चिकित्सकों ने आरोप लगाया है कि इस बैठक में कलेक्टर ने उनके साथ शालीनता के साथ व्यवहार नहीं किया. ऐसे व्यवहार से दुखी होकर डॉक्टरों ने काम बंद करने की धमकी दी है. इस संबंध में जिले के चिकित्सकों ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर जानकारी भी दी है.
सोमवार की घटना
सोमवार 20 अप्रैल को कलेक्टर द्वारा कोरोना समीक्षा बैठक रखी गई थी. इस बैठक में डॉक्टरों के साथ कलेक्टर ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. कलेक्टर के इस व्यवहार से जिले के चिकित्सों का न सिर्फ मनोबल टूटा है बल्कि सभी ने तय किया है कि वो जिले में काम नहीं करेंगे.
कोरोना संकट के समय हड़ताल
गौरततलब है कि मध्यप्रदेश में कोरोना के कई मामले सामने आ चुके हैं. खासतौर से इंदौर कोरोना का एपिसेंटर बनकर उभरा है. ऐसे समय में अगर डॉक्टरों की हड़ताल हुई तो राज्य में चिकित्सा व्यवस्था और बुरी तरह से चर्मरा जाएगी.
एसोसिएशन ने किया डॉक्टरों का समर्थन
वहीं इस घटना के बाद URDA ने कहा है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ने के समय जब डॉक्टरों का साथ देना चाहिए उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए वहां कलेक्टर का ऐसा व्यवहार निंदनीय है.
URDA ने कहा कि बीते दिनों उत्तरी दिल्ली नगर निगम में एक डॉक्टर को टर्मिनेट करने की घटना सामने आई थी. अगर ऐसी ही घटनाएं देश में डॉक्टरों के साथ होती रहीं तो देश भर के डॉक्टरों को एकजुट होकर हड़ताल पर जाना पड़ सकता है.